डॉ. विशाल साहनी | ऑर्थोपेडिक सर्जन | कंधा, कोहनी और कलाई के विशेषज्ञ | London Orthopaedic Clinic, नागपुर
कंधे का दर्द एक आम लेकिन बेहद परेशान करने वाली समस्या है, जो आपकी दिनचर्या, कामकाज, और नींद तक को प्रभावित कर सकती है। कई बार डॉक्टर स्टेरॉइड इंजेक्शन की सलाह देते हैं ताकि सूजन और दर्द को जल्दी कम किया जा सके।
लेकिन क्या हो जब ये इंजेक्शन लेने के बाद भी आराम न मिले? क्या इसका मतलब है कि इलाज बेअसर रहा? नहीं। इसका मतलब है कि अब इस दर्द की गहराई से जांच करने की ज़रूरत है।
आइए जानें इसके कारण, समाधान, और आगे के कदम — डॉ. विशाल साहनी, नागपुर के वरिष्ठ कंधा विशेषज्ञ की राय के साथ।
स्टेरॉइड इंजेक्शन कैसे काम करता है?
स्टेरॉइड इंजेक्शन या कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन एक प्रकार की दवा होती है जो सीधे कंधे के जोड़ या आसपास के टिशू में दी जाती है। इसका उद्देश्य सूजन कम करना और दर्द में तुरंत राहत देना होता है।
यह इंजेक्शन निम्न स्थितियों में उपयोगी होता है:
- फ्रोजन शोल्डर (Adhesive Capsulitis)
- रोटेटर कफ टेंडिनाइटिस या इम्पिंजमेंट
- शोल्डर बर्साइटिस
- हल्का से मध्यम ऑस्टियोआर्थराइटिस
- पुराने चोट के बाद की सूजन
कई मरीजों को इंजेक्शन के 3-7 दिनों में आराम मिल जाता है। लेकिन यदि ऐसा न हो, तो इसके पीछे अन्य कारण हो सकते हैं।
अगर स्टेरॉइड इंजेक्शन से कोई लाभ नहीं हुआ तो क्या यह सामान्य है?
हाँ, कई बार ऐसा हो सकता है। इसका मतलब है कि दर्द का कारण सिर्फ सूजन नहीं है — बल्कि कोई गंभीर संरचनात्मक समस्या, गलत डायग्नोसिस, या गलत इंजेक्शन स्थान हो सकता है।
डॉ. विशाल साहनी के अनुसार, “हर कंधे का दर्द एक जैसा नहीं होता, और न ही हर दर्द का इलाज सिर्फ इंजेक्शन है।”
आइए जानते हैं स्टेरॉइड इंजेक्शन के बाद भी दर्द बने रहने के प्रमुख कारण:
1. गलत निदान या इंजेक्शन का गलत स्थान
यदि रोग की सटीक पहचान नहीं हुई है, तो इंजेक्शन का असर नहीं होगा।
उदाहरण के लिए:
अगर असली समस्या लेब्रल टीयर या कंधे की अस्थिरता है, लेकिन इलाज रोटेटर कफ टेंडिनाइटिस समझकर किया गया, तो इंजेक्शन बेअसर रहेगा।
सही निदान के लिए MRI, अल्ट्रासाउंड और शोल्डर विशेषज्ञ की क्लिनिकल जांच आवश्यक है।
2. कंधे की गंभीर हड्डी या मांसपेशियों की क्षति
यदि रोटेटर कफ पूरी तरह फटा हुआ है, या जोड़ में हड्डी-से-हड्डी का घर्षण (Severe Arthritis) हो रहा है, तो इंजेक्शन कुछ नहीं कर पाएगा।
ऐसे मामलों में सर्जरी ही एकमात्र समाधान होता है।
3. फ्रोजन शोल्डर का शुरुआती ‘फ्रीज़िंग’ चरण
इस स्टेज में जोड़ बहुत दर्दनाक और जकड़ा हुआ होता है।
इंजेक्शन थोड़ी देर के लिए सूजन कम कर सकता है, लेकिन जोड़ की कठोरता दूर नहीं करता।
यहां सही फिजियोथेरेपी और मूवमेंट एक्सरसाइज जरूरी हैं।
4. इंजेक्शन के बाद सही व्यायाम न करना
कई मरीज इंजेक्शन लेने के बाद पूरा आराम कर लेते हैं, जबकि फिजियोथेरेपी न करने से जोड़ और ज्यादा जकड़ जाता है।
डॉ. साहनी कहते हैं: “सिर्फ दवा नहीं, सही समय पर चलना, उठाना और एक्सरसाइज भी उतना ही जरूरी है।”
5. स्टेरॉइड का असर न होना या शरीर में सहनशीलता बन जाना
कुछ मरीजों के शरीर में स्टेरॉइड का असर कम हो जाता है, खासकर अगर उन्हें पहले कई बार इंजेक्शन मिल चुके हों।
बार-बार इंजेक्शन देने से टेंडन की कमजोरी, जोड़ की हानि और संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।
अब आगे क्या करें?
🔍 फिर से शोल्डर विशेषज्ञ से परामर्श लें
एक सामान्य ऑर्थोपेडिक डॉक्टर की बजाय कंधे विशेषज्ञ से परामर्श लेना ज्यादा लाभकारी होगा।
नागपुर में डॉ. विशाल साहनी जैसे विशेषज्ञ कंधे, कोहनी और कलाई की जटिल समस्याओं को सटीक जांच और इलाज के लिए जाने जाते हैं।
🩻 उन्नत इमेजिंग (Advanced Imaging)
नए या दोबारा MRI, अल्ट्रासाउंड या एक्स-रे से सटीक जानकारी मिल सकती है:
- अल्ट्रासाउंड – टेंडन की चोट या सूजन के लिए
- MRI विद कॉन्ट्रास्ट – लेब्रल टीयर और जोड़ की अंदरूनी स्थिति के लिए
- X-ray – आर्थराइटिस या हड्डी की बनावट देखने के लिए
💉 स्टेरॉइड के बजाय अन्य आधुनिक इलाज
अगर स्टेरॉइड काम न करे तो इन विकल्पों पर विचार किया जा सकता है:
- PRP थेरेपी (Platelet Rich Plasma) – आपके खुद के रक्त से तैयार प्राकृतिक उपचार
- हयालूरोनिक एसिड इंजेक्शन – जोड़ को चिकना करने में मदद
- सुप्रास्कैपुलर नर्व ब्लॉक – लंबे समय तक दर्द कम करने वाला उपाय
- रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA) – दर्द पहुंचाने वाली नसों को निष्क्रिय करना
ये सभी आधुनिक तकनीकें London Orthopaedic Clinic, Nagpur में उपलब्ध हैं।
🔧 जब बाकी सभी उपाय असफल हो जाएं, तो सर्जरी एक विकल्प हो सकता है:
डॉ. साहनी द्वारा की जाने वाली प्रमुख सर्जरी:
- आर्थोस्कोपिक कंधे की सर्जरी
- रोटेटर कफ रिपेयर
- लेब्रल रिपेयर और स्टेबलाइजेशन
- फ्रीज़न शोल्डर के लिए कैप्स्यूल रिलीज़
- टोटल और रिवर्स शोल्डर रिप्लेसमेंट
क्यों चुनें Dr. Vishal Sahni और London Orthopaedic Clinic, नागपुर?
✅ केवल कंधा, कोहनी और कलाई के रोगों में विशेषज्ञता
✅ लंदन और भारत में 24 वर्षों का अनुभव
✅ PRP, RFA, Arthroscopy जैसी नवीनतम तकनीकें
✅ व्यक्तिगत व्यायाम और रिहैबिलिटेशन योजनाएं
✅ नागपुर के मध्य भाग (धंतोली) में सुविधाजनक क्लिनिक
निष्कर्ष – दर्द को नजरअंदाज न करें
अगर स्टेरॉइड इंजेक्शन लेने के बाद भी कंधे में दर्द बना हुआ है, तो यह आपके शरीर का संकेत है कि समस्या गंभीर हो सकती है।
जल्दी निदान और इलाज से आप बड़े ऑपरेशन या स्थायी हानि से बच सकते हैं।
“अगर कंधे के दर्द में स्टेरॉइड इंजेक्शन से भी आराम नहीं मिला है, तो नागपुर के कंधे के विशेषज्ञ डॉ. विशाल साहनी से संपर्क करें – कॉल या व्हाट्सएप करें: 9529552938”
📍 London Orthopaedic Clinic, धंतोली, नागपुर
👨⚕️ डॉ. विशाल साहनी – कंधा, कोहनी और कलाई सर्जन
📞 कॉल / व्हाट्सएप करें: 9529552938
🌐 वेबसाइट: londonorthopaedicclinicngp.com
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
❓ अगर स्टेरॉइड इंजेक्शन के बाद भी कंधे का दर्द कम नहीं हुआ तो क्या करें?
अगर स्टेरॉइड इंजेक्शन लेने के 1 से 2 हफ्तों के बाद भी कंधे में आराम महसूस नहीं हो रहा है, तो आपको किसी कंधे के विशेषज्ञ डॉक्टर से दोबारा परामर्श लेना चाहिए। दर्द का सही कारण पता लगाने के लिए दोबारा जांच (जैसे MRI, अल्ट्रासाउंड या X-ray) की ज़रूरत हो सकती है।
डॉ. विशाल साहनी, नागपुर के वरिष्ठ कंधा सर्जन हैं, जो आपके दर्द के मूल कारण को पहचानकर सही इलाज की दिशा में मार्गदर्शन कर सकते हैं।
❓ क्या यह सामान्य है कि स्टेरॉइड इंजेक्शन से कंधे के दर्द में आराम न मिले?
हाँ, कुछ मामलों में ऐसा हो सकता है। स्टेरॉइड इंजेक्शन सूजन को कम करने के लिए दिए जाते हैं, लेकिन यदि दर्द का कारण गंभीर चोट, जोड़ की हड्डी में घिसाव (Arthritis), या मांसपेशी फटने जैसी समस्याएं हैं, तो इंजेक्शन से लाभ नहीं होता। ऐसे में वैकल्पिक उपचार या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
❓ स्टेरॉइड इंजेक्शन के बाद असर दिखने में कितना समय लगता है?
अधिकांश मरीजों को इंजेक्शन के 2 से 7 दिनों के भीतर दर्द में राहत महसूस होती है। लेकिन कुछ मामलों में असर देखने में 10 से 14 दिन भी लग सकते हैं। अगर दो हफ्ते बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है, तो समस्या का दोबारा मूल्यांकन कराना आवश्यक है।
❓ अगर पहला इंजेक्शन काम न करे तो क्या दूसरा इंजेक्शन लिया जा सकता है?
कभी-कभी दूसरा इंजेक्शन फायदा कर सकता है, लेकिन यह बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं लेना चाहिए। बार-बार इंजेक्शन लेने से टेंडन में कमजोरी, हड्डी में नुकसान, और साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
डॉ. साहनी जैसे अनुभवी ऑर्थोपेडिक सर्जन से परामर्श के बाद ही दूसरा इंजेक्शन लेना चाहिए।
❓ ऐसे कौन–से लक्षण हैं जिनसे पता चलता है कि सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है?
यदि निम्नलिखित समस्याएं लगातार बनी रहती हैं, तो सर्जरी पर विचार करना चाहिए:
- इंजेक्शन और फिजियोथेरेपी के बाद भी दर्द में कोई कमी न आना
- कंधे में कमजोरी, हिलने-डुलने में कठिनाई या जकड़न
- MRI में रोटेटर कफ फटना या गंभीर आर्थराइटिस दिखना
- कपड़े पहनने, बाल बनाने, या सोने में असहजता होना
ऐसे मामलों में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी एक प्रभावी समाधान हो सकता है।
❓ स्टेरॉइड इंजेक्शन के अलावा कंधे के दर्द का क्या इलाज होता है?
अगर स्टेरॉइड इंजेक्शन असर नहीं करते, तो कुछ और विकल्प भी हैं:
- PRP थेरेपी – खुद के खून से तैयार प्राकृतिक उपचार
- हायालुरोनिक एसिड इंजेक्शन – जोड़ में चिकनाई बढ़ाने के लिए
- नर्व ब्लॉक या RFA (रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन) – लंबे समय तक दर्द कम करने के लिए
- व्यवस्थित फिजियोथेरेपी और रीहैबिलिटेशन प्लान
- आर्थोस्कोपिक सर्जरी, जब कोई विकल्प न बचे
इन सभी का समुचित इलाज London Orthopaedic Clinic, नागपुर में उपलब्ध है।
❓ क्या फिजियोथेरेपी इंजेक्शन नकारा होने के बाद भी फायदेमंद होती है?
बिल्कुल। कई बार इंजेक्शन का असर कम होता है क्योंकि मरीज फिजियोथेरेपी नहीं करते या व्यायाम छोड़ देते हैं। कंधे को चलायमान बनाए रखने के लिए स्ट्रेचिंग, मजबूती वाले व्यायाम और सही मुद्रा बहुत ज़रूरी होती है।
डॉ. साहनी हर मरीज के लिए व्यक्तिगत व्यायाम योजना तैयार करते हैं।
❓ कैसे पता चले कि मेरा कंधे का दर्द गलत डायग्नोज किया गया है?
अगर आपको इन लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो डायग्नोसिस गलत हो सकता है:
- इलाज के बाद भी कोई बदलाव न आना
- दर्द का स्थान अलग होना
- MRI या X-ray में कुछ स्पष्ट न दिखना
- इंजेक्शन या दवाओं से कोई लाभ न होना
ऐसे में कंधे के विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें जो गहराई से जांच कर सकें।
❓ बार–बार स्टेरॉइड इंजेक्शन लेने के क्या नुकसान हो सकते हैं?
बार-बार स्टेरॉइड इंजेक्शन लेने से कई समस्याएं हो सकती हैं:
- मांसपेशी या टेंडन कमजोर होना
- हड्डी और जोड़ का क्षय
- संक्रमण का खतरा
- ब्लड शुगर का बढ़ना (विशेषकर मधुमेह में)
- इलाज के असर में गिरावट
इसलिए स्टेरॉइड इंजेक्शन सीमित संख्या में और विशेषज्ञ की निगरानी में ही लेना चाहिए।
❓ मुझे सामान्य ऑर्थोपेडिक डॉक्टर के बजाय कंधे विशेषज्ञ से कब मिलना चाहिए?
अगर आपको:
- कई हफ्तों या महीनों से कंधे में दर्द हो
- इंजेक्शन, दवाएं और फिजियोथेरेपी से कोई आराम न मिले
- कंधे को हिलाने या इस्तेमाल करने में कठिनाई हो
तो यह समय है कि आप कंधे के विशेषज्ञ, जैसे डॉ. विशाल साहनी से परामर्श करें।
वे केवल कंधा, कोहनी और कलाई की जटिल बीमारियों में विशेषज्ञ हैं और उन्नत तकनीकों के साथ उपचार करते हैं।